Wednesday, 30 October 2013

पाप मेरे वास्ते है.... मेरी सबसे फ़ेव्रट

पाप मेरे वास्ते है नाम लेकर आज भी तुमको बुलाना।
है वही छाती कि जो अपनी तहों में
राज़ कोई हो छिपाए,
जो कि अपनी टीस अपने आप झेले
मत किसीको भी सुनाए,
दर्द जो मेरे लिए था गर्व उसपर
आज मुझको हो रहा है,
पाप मेरे वास्ते है नाम लेकर आज भी तुमको बुलाना।

वह अगस्ती रात मस्ती की, गगन में
चाँद निकला था अधूरा,
किंतु मेरी गोद काले बादलों के
बीच में था चाँद पूरा,
देह-वह भी थी अलग कब-नेह दोनों
एक मिलकर हो गए थे,
वेदनामय है मुझे तो उस घड़ी को याद रखना या भुलाना।
पाप मेरे वास्ते है नाम लेकर आज भी तुमको बुलाना।ल