Sunday, 25 March 2018

भूलना मत

आम की सोर पर
मत करना वार
नहीं तो महुआ रात भर
रोएगा जंगल में
कच्चा बांस कभी काटना मत
नहीं तो सारी बांसुरियाँ
हो जाएंगी बेसुरी
कल जो मिला था राह में
हैरान-परेशान
उसकी पूछती हुई आँखें
भूलना मत
नहीं तो सांझ का तारा
भटक जाएगा रास्ता          

     किसी को प्यार करना

तो चाहे चले जाना सात समुंदर पार
पर भूलना मत
     कि तुम्हारी देह ने एक देह का
          नमक खाया है।
        ~केदरनाथ सिंह~

           (Image courtsey Google)

Monday, 12 March 2018

~हमारा प्यार मई में जन्मा था~【अरनेस्तो कार्देनाल】


हमारा प्यार मई में जन्मा था 

मालिंचो के फूलों के साथ—
जब मानागुआ में 
मालिंचो खिले हुए होते हैं—

वे इसी महीने खिलते हैं, 
बाक़ी महीनों में वे दुःख झेलते रहते हैं.
मई में फिर से मालिंचो खिलेंगे
लेकिन जो प्यार बीत गया 
वह नहीं आएगा फिर।

【अँग्रेज़ी से अनुवाद : मंगलेश डबराल 】


भीड़ में अकेली तुम हो  ~अरनेस्तो कार्देनाल ~


भीड़ में अकेली तुम हो
~अरनेस्तो कार्देनाल ~

भीड़ में अकेली तुम हो
जैसे आसमान में अकेला चाँद
और अकेला सूरज है

कल तुम स्टेडियम में थीं
हज़ारों-हज़ारों लोगों के बीच

और जैसे ही मैं आया 
मैंने तुम्हें देख लिया
गोया अकेली तुम थीं
खाली स्टेडियम में

【अँग्रेज़ी से अनुवाद : मंगलेश डबराल】