Monday, 2 June 2014

जब तुम करीब थे....

तुमसे मिला था प्यार, कुछ अच्छे नसीब थे,
हम उन दिनों अमीर थे, जब तुम क़रीब थे....

सोचा था मय है ज़िन्दगी, और ज़िन्दगी की मैं,
प्याला हटा के तेरी हथेली से पियेंगे,
वो ख्वाहिशें अजीब थी, सपने अजीब थे..
तुमसे मिला था प्यार, कुछ अच्छे नसीब थे,
हम उन दिनों अमीर थे, जब तुम क़रीब थे....

पूछेंगे एक बार कभी हम तुमसे रूठकर,
हम मर गए अगर तो आप कैसे जियेंगे,
वो ख्वाहिशें अजीब थी, सपने अजीब थे,
जीने को तेरी प्यार की दौलत मिली तो थी,
जब तुम नहीं थे उन दिनों, हम भी गरीब थे..

तुमसे मिला था प्यार, कुछ अच्छे नसीब थे,
हम उन दिनों अमीर थे, जब तुम क़रीब थे.......
[गुलज़ार साहिब]