ज़ुबान पर ज़ाएका आता था जो सफ़हे पलटने का
अब उँगली ‘क्लिक’ करने से बस इक
झपकी गुज़रती है
बहुत कुछ तह-ब-तह खुलता चला जाता है परदे पर
किताबों से जो जाती राब्ता था, कट गया है
कभी सीने पे रख के लेट जाते
प्यार भरे दो शर्मीले नैन जिनसे मिला मेरे दिल को चैन कोई जाने ना क्यूं मुझसे शर्माए कैसे मुझे तड़पाए दिल ये कहे गीत मैं तेरे गाऊँ तू ही सुने और मैं गाता जाऊं तू जो रहे साथ मेरे दुनिया को ठुकराऊं तेरा दिल बहलाऊँ रूप तेरा कलियों को शर्माये कैसे कोई अपने दिल को बचाये पास है तू फिर भी जानम कौन तुझे समझाये सावन बीता जाये डर है मुझे तुझसे बिछड़ ना जाऊं खो के तुझे मिलने की राह न पाऊँ ऐसा न हो जब भी तेरा नाम लबों पर लाऊँ मैं आंसूं बन जाऊं जिनसे मिला मेरे दिल को...
♥✿ ✿ Gypssy"s JUKEBOX♥✿ ✿
- Home
- ✿ ♥✿ ✿ ♥✿ ✿♥ ✿ ♥✿ Gypssy"s JUKEBOX....mixed footprints✿ ♥✿ ✿ ♥✿ ✿♥ ✿ ♥✿
- ✿ ♥✿ ✿ ♥✿ ✿♥ ✿ ♥✿ ✿ ♥✿ ✿ ♥✿ ✿♥ DEEP NOTES...GYPSSY'S JUKEBOX✿ ♥✿ ✿ ♥✿ ✿ ♥✿ ✿♥ ✿ ♥✿ ✿ ♥✿ ✿ ♥✿ ✿♥ ✿ ♥✿
- ✿ ♥✿ ✿ ♥✿ ✿♥ ✿ ♥✿सीखो ना नैनो की......भाषा पिया✿ ♥✿ ✿ ♥✿ ✿♥ ✿ ♥✿
- ✿ ♥✿ ✿ ♥✿ ✿♥ ✿ ♥✿U Me Aur Hum....✿ ♥✿ ✿ ♥✿ ✿♥ ✿ ♥✿
- ♥✿✿ ♥✿ ✿ ♥✿ ✿♥ ✿अभी ना जाओ छोड़कर ♥✿♥✿✿ ♥✿ ✿ ♥✿ ✿♥ ✿ ♥✿