जो दीखते हो वो लगते नहीं
जो लगते हो तुम हो तो नहीं
सब झूठ है जो तुम कहते हो
जो कहते हो तुम वो तो नहीं
झूठे हो झूठे
झूठे हो तुम झूठे
खुद चोटें करते हो दिल पर
और चोट पे मरहम भरते हो
खुद से जो नहीं पूछो मुझसे
क्या करना है क्या करते हो
झूठे हो झूठे
झूठे हो तुम झूठे
पढ़ लो न दिल का दर्द कहीं
अल्फ़ाज़ बदल लेते हो तुम
आँखों में नमी आ जाए तो
आवाज़ बदल लेते हो तुम
झूठे हो झूठे
झूठे हो तुम झूठे
[गुलज़ार साहिब]