Wednesday 30 October 2013

मीना कुमारी जी की एक नज़म.....




पाप मेरे वास्ते है.... मेरी सबसे फ़ेव्रट

पाप मेरे वास्ते है नाम लेकर आज भी तुमको बुलाना।
है वही छाती कि जो अपनी तहों में
राज़ कोई हो छिपाए,
जो कि अपनी टीस अपने आप झेले
मत किसीको भी सुनाए,
दर्द जो मेरे लिए था गर्व उसपर
आज मुझको हो रहा है,
पाप मेरे वास्ते है नाम लेकर आज भी तुमको बुलाना।

वह अगस्ती रात मस्ती की, गगन में
चाँद निकला था अधूरा,
किंतु मेरी गोद काले बादलों के
बीच में था चाँद पूरा,
देह-वह भी थी अलग कब-नेह दोनों
एक मिलकर हो गए थे,
वेदनामय है मुझे तो उस घड़ी को याद रखना या भुलाना।
पाप मेरे वास्ते है नाम लेकर आज भी तुमको बुलाना।ल





✿ ♥✿ ~ ♥ ~zindagi aur kuch bhi nahi,,,, teri meri kahani hai~ ♥ ~✿ ♥✿


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 The road ahead of me converges into infinity.
i see pieces of you & me
scattered but inseparable on the horizon, as they 'create love'
inside meanings of words that could never speak it out loud !
As the highway wind strikes a shear on a lonely tear like hushed whispers
of our yesterday’s unison …let me be you, & let you be me !
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