Monday 12 March 2018

भीड़ में अकेली तुम हो  ~अरनेस्तो कार्देनाल ~


भीड़ में अकेली तुम हो
~अरनेस्तो कार्देनाल ~

भीड़ में अकेली तुम हो
जैसे आसमान में अकेला चाँद
और अकेला सूरज है

कल तुम स्टेडियम में थीं
हज़ारों-हज़ारों लोगों के बीच

और जैसे ही मैं आया 
मैंने तुम्हें देख लिया
गोया अकेली तुम थीं
खाली स्टेडियम में

【अँग्रेज़ी से अनुवाद : मंगलेश डबराल】