Sunday 27 April 2014

तू नहीं तो...


तू नहीं तो ज़िन्दगी में और क्या रह जाएगा
दूर तक तन्हाइयों का सिलसिला रह जाएगा

दर्द की सारी तहें और सारे गुजरे हादसे
सब धूआँ हो जायेंगे इक वाकिया रह जाएगा

यूँ भी होगा वो मुझे दिलसे भूला देगा मगर
ये भी होगा ख़ुद उसी में इक ख़लाल रह जाएगा

दायरे इन्कार के इकरार की सर्गोशीयाँ
ये अगर टूटे कभी तो फासला रह जाएगा