बावरी पिया की
कसे कहे जाके पीर जियकी
बावरी पिया की
पियु रंग मन की चुनर रंगाई
पियु पियु रथ के पियु में समायी
बन गयी छाया ,
छल बलिया की
बावरी पिया की
इता उठा देखे पंथ निहारे
हर दिन पलछिन नाम पुकारे
सूद नहीं बिसरे ,
मन बसिया की
बावरी पिया की
कसे कहे जाके पीर जियकी
बावरी पिया की